Sunday 21 May 2017

बाबा पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल

पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू से  3 किलोमीटर दूर देवपाटन गांव में बागमती नदी के किनारे स्थित है। यह एक हिंदू मंदिर है जो पशुपतिनाथ का मुख्य निवास स्थान माना जाता है,
पशुपतिनाथ में सिर्फ हिंदुओ को ही मंदिर परिवेश में जाने की अनुमति है, गैर हिन्दुओ को जो की यह पर घूमने  आते है उन्हें बागमती नदी के किनारे से ही यह के दर्शन करने होते है। उन्हें मंदिर परिवेश में जाने की अनुमति नही होती है। यहाँ पर शिवरात्रि पर बहुत बहुत बड़ा मेला लगता है और लोग दर्शन करने के लिए दूर -दूर से यह पर आते हैं। यह नेपाल में शिवजी का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। यह कहा जाता है जो भी यहा सच्चे मन से भगवान के दर्शन करता है तो उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है, और सबसे बड़ी बात तो यह है कि यहा या के ऐसा लगता है जैसे  मनो आप 14वी सदी में आ गये है  वही पुराने मकान सब वैसा ही है परंतु अब पहले से ज्यादा भीड़ के कारण यहा पर भी लोगो ने गंदगी फेलाना सुरु क्र दिया है, जिससे यह के वातावरण में बहुत परिवर्तन आ गए हैं। यह से सैलानी तथा शिवभक्त माउन्ट एवेरेस्ट का दीदार करते हैं।

इतिहास एवं किवदंतियाँ

इतिहास के अनुसार माने तो इस मंदिर का निर्माण सोमदेव राजवंश के पशुप्रेक्ष तीसरी सदी में कराया था। माना जाता है कि नेपाल में स्थित ज्योर्तिलिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस ज्योतिर्लिंग को पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंगके नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का हिस्सा है।पशुपतिनाथ के विषय में कथा है कि महाभारत युद्घ में पाण्डवों द्वारा अपने गुरूओं एवं सगे-संबंधियों का वध किये जाने से भगवान भोलेनाथ पाण्डवों से नाराज हो गये।भगवान श्री कृष्ण के कहने पर पाण्डव शिव जी को मनाने चल पड़े। गुप्त काशी में पाण्डवों को देखकर भगवान शिव वहां से विलीन हो गये और उस स्थान पर पहुंच गये जहां पर वर्तमान में केदारनाथ स्थिति है। शिव जी का पीछा करते हुए पाण्डव केदारनाथ पहुंच गये। इस स्थान पर पाण्डवों को आते हुए देखकर भगवान शिव ने एक भैंसे का रूप धारण किया और इस क्षेत्र में चर रहे भैसों के झुण्ड में शामिल हो गये। पाण्डवों ने भैसों के झुण्ड में भी शिव जी  को  नही पहचान पाये  और वो शिवजी को ढूढ़ते रहे जब उन्हें शिवजी नही मिले तो भीम एक पहाड़ के ऊपर खड़े हो गये जैसे ही रात होने लगी सारे भैसें भीम के टांगों के नीचे से घर को निकले लगे परतु शिवजी तो भगवान थे वो ऐसा नही कर सकते थे, ये सब देखकर वो झुंड से दूर होने लगे  तभी पांडवो ने उनको पहचान लिया तब शिव जी भैंस के रूप में ही भूमि समाने लगे। भीम ने भैंस को कसकर पकड़ लिया। भगवान शिव प्रकट हुए और पाण्डवों को पापों से मुक्त कर दिया।इसेभीपढ़े:  इस हनुमान मंदिर के सामने खुद ही रुक जाती हैं ट्रेन, हादसे में बची थी सबकी जानइस बीच भैंस बने शिव जी का सिर काठमांडू स्थित पशुपति नाथ में पहुंच गया। इसलिए केदारनाथ और पशुपतिनाथ को मिलाकर एक ज्योर्तिलिंग भी कहा जाता है। पशुपतिनाथ में भैंस के सिर और केदारनाथ में भैंस के पीठ रूप में शिवलिंग की पूजा होती है।पशुपतिनाथ के विषय में मान्यता है कि जो व्यक्ति पशुपति नाथ के दर्शन करता है उसका जन्म कभी भी पशु योनी में नहीं होता है। जनश्रुति यह भी है कि, इस मंदिर में दर्शन के लिए जाते समय भक्तों को मंदिर केबाहर स्थित नंदी का प्रथम दर्शन नहीं करना चाहिए। जो व्यक्ति पहले नंदी का दर्शन करता है बाद में शिवलिंग का दर्शन करता है उसे अगले जन्म पशु योनी मिलती है।पशुपतिनाथ ज्योर्लिंग चतुर्मुखी है। इस ज्योतिर्लिंग के विषय में जनश्रुति है इसमें पारस पत्थर के गुण हैं जो लोहे को सोना बना सकता है। नेपाल वासियों और नेपाल के राजपरिवार के लिए पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंग आराध्य देव रहे हैं।

Wednesday 17 May 2017

लाटू देवता मंदिर (उत्तराखंड का पांचवा धाम)

लाटू देवता का भव्य मंदिर वांण  में हैं जो की देवाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर उत्तराखंड राज्य में स्थित है। राज्य की राजधानी से यह लगभग 350 किलोमीटर तथा देश की राजधानी से लगभग 530 किलोमीटर दूर  हैं। यह भव्य मंदिर एक प्राकृतिक क्षेत्र में स्थित हैं ।जहाँ से हिमालय के भी अलौकिक दर्शन होते हैं। यहाँ जो भी आता हैं मानो उसे ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग में आ गए हो। सुबह  सूर्योदय का दृश्य तो सब का मन मोह लेता हैं और ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां पर आकर लाटू देवता की मन से पूजा करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती हैं।

इतिहास (पौराणिक कथाएँ)

उत्तराखंड में एक देवता ऐसे हैं जो युगों से कैदखाने में बंद हैं। कैदखाना ही इनका मंदिर है। साल में सिर्फ एक बार वैशाख पूर्णिमा को कुछ घंटों के लिए मंदिर का द्वार खुलता है। यह एक मात्र ऐसे देवता हैं जिनके दर्शन पुजारी भी नहीं कर पाते हैं। क्योंकि मंदिर का द्वार खोलते समय पुजारी के आंखों पर पट्टी बंधी होती है। रिश्ते में यह देवता भगवान शिव के साले और माता पार्वती के भाई हैं। लेकिन एक गलती के कारण देवी पार्वती ने इन्हें कैद में डाल दिया और तब से यह कैद में रहते हैं। इस देवता का नाम है लाटू देवता। इस देवता का मंदिर नंदा देवी यात्रा के मार्ग में वांण क्षेत्र में है। लाटू देवता के विषय में ऐसी कथा है कि देवी पार्वती के साथ जब भगवान शिव का विवाह हुआ तो पार्वती जिसे नंदा देवी नाम से भी जाना जाता है। इन्हें विदा करने के लिए सभी भाई कैलाश की ओर चल पड़े। इसमें चचेरे भाई लाटू भी शामिल थे। मार्ग में लाटू को इतनी प्यास लगी कि पानी के लिए इधर-उधर भटकने लगे। इस बीच लाटू देवता को एक घर दिखा और पानी की तलाश में घर के अंदर पहुंच गए। घर का मालिक बुजुर्ग था। बुजुर्ग ने लाटू देवता से कहा कि कोने में मटका है पानी पी लो।संयोग से वहां दो मटके रखे थे। लाटू देवता ने एक मटके को उठाया और पूरा का पूरा मटका खाली कर दिया। प्यास के कारण लाटू समझ नहीं पाए कि जिसे वह पानी समझकर पी गए वह पानी नहीं मदिरा था।कुछ देर में मदिरा ने असर दिखाना शुरु कर दिया और लाटू देवता नशे में उत्पात मचाने लगे। इसे देखकर देवी पार्वती क्रोधित हो गई और लाटू को कैद में डाल दिया। पार्वती ने आदेश दिया कि इन्हें हमेशा कैद में ही रखा जाए। माना जाता है कि कैदखाने में लाटू देवता एक विशाल सांप के रुप में विराजमान रहते हैं। इन्हें देखकर पुजारी डर न जाएं इसलिए यह आंखों पर पट्टी बांधकर मंदिर का द्वार खोलते हैं।वांण क्षेत्र में लाटू देवता के प्रति लोगों में बड़ी श्रद्धा है। लोग अपनी मनोकामना लेकर लाटू के मंदिर में आते हैं। कहते हैं यहां से मांगी मनोकामना जरुर पूरी होती है।
जय लाटू देवता

Wednesday 3 May 2017

पाकिस्तान की नापाक हरकते

आये  दिन हम देख रहे की पाकिस्तान के तरफ से कोई  ना कोई घिनोनी हरकते होती रहती है। लगभग हर दिन सींज फायर का उलंघन होता है। जिससे जम्मू कश्मीर के लोगो को काफी नुकसान भुगतना पड़ता हैं। कई लोग बिना कारण के मारे जाते। जिनका इससे कोई लेना देना नही होता है। परंतु पाकिस्तान को इससे कोई फर्क नही पड़ता उसको तो घाटी को दहलाने में ही अच्छा लगता हैं।
में कुछ दिन पहले न्यूज़ देख रहा था तो उसमें दिखाया जा रहा था कि स्कूल के बच्चे इंडियन आर्मी पर पेट्रोल बोम, पत्थर  अदि फेंक रहे थे इससे ये महसूस होता है की जो लोग ऐसे काम करते है। उनका देश के प्रति कोई लगाव या कोई प्यार नही है। उनको बस  ये नापाक हरकते आती हैं। और इस सब के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ हैं , वही से इन लोगो को फंडिंग होती हैं। मात्र कुछ पेसो के लिये ये लोग जिन्हें बच्चे कहा जाता है देश की आर्मी को परेशान करते हैं।

हालही में एक वीडियो आया है, जिसमे चुनाव के दौरान ड्यूटी पर लगे crpf के जवान को  कुछ लोग मारते हुए नजर आ रहे हैं परंतु इसके बावजूद भी उस जवान ने पलट कर वॉर नही किया जबकि उसके हाथ में गन थी। में उस हीरो को सेल्यूट करता हूँ जिसने इतना जुर्म होने के बाद भी पलटवार नही किया, परंतु इस घटना के बाद इस पर कोई करवाई नही हुए। बीजेपी ने बोला की हम इस घटना की कड़ी निदा करते हैं। बस इन लोगो से निंदा ही होती है । और कांग्रेस् का तो क्या कहना उसका तो भगवान ही मालिक हैं ।
इस सब को छोड़ के में अब असली  मुदे पे आता हूँ दो दिन पहले पकिस्तान की फौज मलगभग 250 मीटर    इंडियन बॉर्डर के अंदर गुस गयी थी। जिससे  बॉर्डर पर माहौल बिगड़ गया और पाकिस्तान फौज ने भारत के जवानों पर घात लगा कर हमला करने की कोशिस् जिसमे वो नाकामयाब रहे परन्तु  दो भारतीय जवान उनकी चुगल में फस गये और पाकिस्तानी आर्मी ने द्वारा उनका सर कलम कर दिया गया और उनके शवो के साथ बरबरता भी की गयी। जिसकी पूरा देश कड़ी निंदा कर रहा हैं। देश जानना  चाहता की कब तक ऐसी घटना होती रहेगी। अब पूरा देश एक ही चीज चाहता है की इसका बदला लिया जाये और बदला ऐसा लिया जाना चाहिए की पाकिस्तान दोबारा ऐसी हरकत करने से पहले दस बार सोचे।
में सरकार से एक ही गुजारिस करता हूं कि अब कड़ी  निंदा करने का समय नही है इसके ऊपर एक्शन होना चाहिए।
जय हिंद।
भारत माता की जय।

2021 Pan America

Harley Davidson pan America come in market with revolution max engine, with 1249cc, this is the first off roading bike in Harley Davidson hi...