औली भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है, जो की घूमने आये हुए सैलानियों के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। समुद्र तल से 3050 मीटर (10010 फिट) की ऊँचाई पर यह स्थान बर्फ से लदालद भरा रहता है।
यहा से हिमालय के बहुत ही अलौकिक दृश्य देखने को मिलते है, परन्तु यह पहाड़ी इलाका स्कीइंग (skiing ) के लिए पुरे भारत में सबसे ऊपर का स्थान मिला हुआ है, यहा पर साल में 1 बार स्कीइंग का खेल आयोजित होता है, जिसमें देश विदेश के खिलाड़ी हिस्सा लेते है। यहा के लोग औली को औली बुगयाल कहकर पुकारते है। क्योकि यहा पर हरी घास के बड़े बड़े मैदान देखने को मिलते है। निचले इलाके के चरवाहे साल में 1 बार अपने जानवरो को इस बुगयाल में ले के जाते है। जिससे जानवरो को भरपूर मात्रा में घास चरने को मिल जाती है। और यह सिलसिला सदियों से चलता या रहा है।
औली इतना खूबसूरत पहाड़ी इलाका है कि में ऐसे अपने शब्दों में बया नही कर सकता हू। इस स्वर्ग जैसी जगह से ब्रदीनाथ तथा गंगोत्री के खूबसूरत पहाड़ो का एक अलग ही दृश्य देखने को मिलता है।
ओक के जंगलो के कारण यह पर ठंडी -ठंडी हवाएं बहती है जो की सैलानियों का मन मोह लेती है, इन ठंडी हवाओं के कारण यह का एक अलग ही वातावरण देखने को मिलता है ।
औली में 10 साल पहले तक इतना विकास नही हुआ था, उस समय पर स्की के सारे उपकरण ITBP के द्वारा दिये जाते थे । परंतु आज यहाँ की दशा कुछ और है । आज यह पर 3 star होटल तथा अच्छे अच्छे resort भी बन गए है। यह आ के अब ऐसा महसूस होता है मानो तुम india में नही switzerland में आ गये हो।
ट्रॉली का लुप्त लेते लोग
सायं काल का सुंदर दृश्य
यहा से हिमालय के बहुत ही अलौकिक दृश्य देखने को मिलते है, परन्तु यह पहाड़ी इलाका स्कीइंग (skiing ) के लिए पुरे भारत में सबसे ऊपर का स्थान मिला हुआ है, यहा पर साल में 1 बार स्कीइंग का खेल आयोजित होता है, जिसमें देश विदेश के खिलाड़ी हिस्सा लेते है। यहा के लोग औली को औली बुगयाल कहकर पुकारते है। क्योकि यहा पर हरी घास के बड़े बड़े मैदान देखने को मिलते है। निचले इलाके के चरवाहे साल में 1 बार अपने जानवरो को इस बुगयाल में ले के जाते है। जिससे जानवरो को भरपूर मात्रा में घास चरने को मिल जाती है। और यह सिलसिला सदियों से चलता या रहा है।
औली इतना खूबसूरत पहाड़ी इलाका है कि में ऐसे अपने शब्दों में बया नही कर सकता हू। इस स्वर्ग जैसी जगह से ब्रदीनाथ तथा गंगोत्री के खूबसूरत पहाड़ो का एक अलग ही दृश्य देखने को मिलता है।
ओक के जंगलो के कारण यह पर ठंडी -ठंडी हवाएं बहती है जो की सैलानियों का मन मोह लेती है, इन ठंडी हवाओं के कारण यह का एक अलग ही वातावरण देखने को मिलता है ।
कुछ सुन्दर दृश्य
यहां पर घूमने का सबसे उचित समय नवम्बर से लेकर मार्च अंत तक होता है, क्योकि इस समय औली बर्फ की चादर ओढ़े हुए रहता है तथा इसी समय पर यह स्कीइंग का खेल भी आयोजित होता है। जिसमे दूर -दूर से आये हुए खिलाडी हिस्सा लेते है, जिसका यहाँ पर आये हुए सैलानी भरपूर मात्रा में लाभ उठाते है।
सुन्दर घास के मैदान
8वी सदी में महान गुरु अदि शंकराचार्य यहां आये , तभी उन्होंने यह प एक मंदिर की स्थापना की, जो की अपने आप में एक अद्भत मंदिर है। कहते हे की यहां आये हुआ भक्तो की मन इच्छा अवश्य पूर्ण होती है। इस पहाड़ी इलाके में ज्यादातर भोटिया लोग रहते है जो की कभी तिबत से नाता रखते थे। यहां के लोग दिखते तथा व्यवहार में बहुत ही अच्छे होते है।औली में 10 साल पहले तक इतना विकास नही हुआ था, उस समय पर स्की के सारे उपकरण ITBP के द्वारा दिये जाते थे । परंतु आज यहाँ की दशा कुछ और है । आज यह पर 3 star होटल तथा अच्छे अच्छे resort भी बन गए है। यह आ के अब ऐसा महसूस होता है मानो तुम india में नही switzerland में आ गये हो।
ट्रॉली का लुप्त लेते लोग
सायं काल का सुंदर दृश्य
Osm
ReplyDeleteBeautiful Place.
ReplyDeletehttp://forum.webd.pl/profile.php?mode=viewprofile&u=433163