Monday 20 March 2017

The valley of flowers (फूलो की घाटी)


फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान (the valley of flower) भारत का  एक राष्ट्रीय उद्यान है जो उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। जो की सार्वजनिक  रूप से विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। तथा यहां के स्थानीय लोग इसे परीलोक कहते हैं अर्थात परियों का संसार । यह उद्यान चमोली जिले में स्थित है जो की  87.50  किमी क्षेत्र में फैला हुआ है फूलों की घाटी को सन 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।  यहां तक पहुँचने के लिए चमोली जिले का अन्तिम बस अड्डा गोविन्दघाट 275 किमी दूर है। तथा जोशीमठ से गोविन्दघाट की दूरी 19 किमी है यहाँ से प्रवेश स्थल की दूरी लगभग 13 किमी है जहाँ से पर्यटक 3 किमी लम्बी व आधा किमी चौड़ी फूलोंकी घाटी का  लुप्त ले सकते है,  यहां आ के ऐसा लगता है मानो जैसे आप सचमुच में परियो के संसार में आ गए हैं। परन्तु में तो इसे फूलों से सजा स्वर्ग  कहना चाहूँगा। अनेक प्रकार के फूलों के बीच ऐसे लगता है जैसे आप इस धर्ती से कही और अ गये हैं। और यहां से  नंदा देवी पर्वत के कुछ अलग ही अलौकिक दृश्य देखने को मिलते हैं।


खोज

इस घाटी का पता सबसे पहले ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस. स्मिथ और उनके साथी आर. एल. होल्ड्सवर्थ ने लगाया था। प्रसिद्ध ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक 1931 में गढ़वाल स्थित कामेट शिखर (24,447 फुट) से सफल आरोहण के बाद धौली गंगा के निकट गमशाली गांव से रास्ता भटक जाने के कारण पश्चिम की ओर चले गये थे। जब वो  (16,700)  फुट ऊंचाई का दर्रा पार करके  भ्यूंडार घाटी से जब वह थोड़ा आगे बढ़े तो जब उन्होंने वहां अकल्पनीय सौंदर्य देखा तो उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। तथा ऐसा  सौंदर्य को देखकर वो स्तब्ध रह गये और अपना टेंट वही गाड़ लिया। वहां से लौटने के पश्चात उन्हें इस घाटी की सुंदरता 1937 में दोबारा यहां खींच लायी तथा यहां पहुंचकर उन्होंने गहन रिसर्च किया और लगभग 300 किस्म के फूलों की प्रजातियों को ढूंढ निकाला। इसके पश्चात उन्होंने ‘वैली ऑफ फ्लावर्स’ नामक पुस्तक लिखी। जिस कारण  फूलों से लदी यह घाटी दुनिया को देखने को मिली। यहां पर छोटे-छोटे नालों के किनारे पूल इस तरह उगे रहते हैं मानो उन्हें क्यारियों में उगाया गया हो।


बेहतर मौसम

87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली यह घाटी नवम्बर-दिसम्बर से अप्रैल-मई तक बर्फ से पूरी तरह ढकी रहती है। जून में जब बर्फ पिघलना  शुरु होती है तो यह क्षेत्र हरियाली की चादर ओढ़ लेती है। जुलाई तक यहां के पौधों में फूल महकने लगते अगस्त में फूलों की घाटी  का अलग ही अलौकिक दृश्य देखने को मिलता है। क्योंकि इस दौरान फूल पूरी तरह खिल चुके होते हैं लेकिन अक्टूबर से फूल धीरे-धीरे मुरझाने शुरू हो जाते हैं।


3 comments:

  1. wah nice work bro ..Keep going #mishra G

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  2. बहुत अच्छी जगह है घूमने के लिए। आप के लेख पढ़ मुझे भी घूमने का प्लान बनाना पड़ रहा है। एक मेरे यात्रा प्लान को भी देखे फूलों की घाटी कहां स्थित है

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