भारत को 14 वे राष्ट्रपति के रूप में राम नाथ कोविंद मनोनीत किया गया है परंतु उनके पहले ही भाषण पर कांग्रेस ने देश के राष्ट्रपति पर सवाल उठाने शुरु कर दिया हैं कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं का कहना है कि राष्ट्रपति जी ने अपने भाषण में नेहरू जी और इंद्रा गांधी का नाम नही लिया और उन्होंने गांधी जी के साथ दिनदयाल उपाध्याय जी का नाम लिया। इससे यह लगता है कि कांग्रेस् अपने पतन की और बढ़ रही हैं। बिना सोचे समजे वो देश के सरवोच्च पद पर मनोनीत राष्ट्रपति जी का अपमान कर रहे हैं। आज तक किसी भी पार्टी ने कभी भी ऐसे सवाल किसी राष्ट्रपति पर नही उठाये परंतु कांग्रेस ने इस बात राजघाट तथा संसद में बहुत बड़ा हंगामा किया । मुझे लगता है कि कांग्रेस को यह बात रास इसलिए नही आ रही है क्योकि देश के pm भी संग से जुड़े हुए थे और राम नाथ कोविंद जी भी संग से जुड़े हुए थे दोनों ही संग से विचार धारा रखने वाले हैं और कांग्रेस को ये बात रास नही आ रही है देश का pm तथा प्रेसिडेंट दोनों ही संग से जुड़े थे । ऐसी कारण वह राष्ट्रपति जी पर आरोप लगा रहे की उन्होंने नेहरू जी का नाम अपने भाषण में नही लिया है जिन्होंने देश को आजाद करने में अपना योगदान दिया और कांग्रेस का कहना है कि दिनदयाल उपाध्याय जी तो कोई फ्रीडम फाइटर नही थे तो उनका नाम को लिया गया अब इनको कोन बतायेगा की वो महान इंसान कोन थे । अगर इनको पता नही है तो कृपा करके उनकी किताब पड़े तब आपको पता चल जायेगा को वो कोन थे और हर किसी हो अपने icon का नाम लेने का हक हैं हो सकता है दिनदयाल जी उनके आइकॉन हों । बना सोचे समजे देश के राष्ट्रपति पर ऐसी बाटे बोलना बिलकुल उचित नही ये सारी चीजे कांगेस की मानशिकता को दर्षाती हैं। जिससे आगे आने वाले चुनाओ में बहुत फर्क पड़ेगा। अगर तुम इस बात को मुद्दा बनाते हो की नेहरू जी का नाम नही लिया और दिनदयाल जी का नाम लिया तो इसको मतलब तो यही होगा की "आ बेल मुझे मार मेरे गले में फंदा डाल" वैसे तो कांगेस ने देश के लिए कुछ ज्यादा नही किया हैं जो भी किया होगा 1947 से पहले किया था क्योकि तब कांग्रेस में देश के जान देने वाले बड़े बड़े नेता हुआ करते थे । परंतु आज जब कांग्रेस जब ऐसी बातों को मुददा बनाती है तो इनको सर्म आनि चाहिए की ये लोग ही खुद अपने बड़े नेताओ का जैसे नेहरू जी और अन्य नेताओं का अपमान कर रहे हैं । इस सोच को बदलना होंगे और में आखरी में कहना चाहूंगा कि कांग्रेस को अपनी इस बड़ी गलती पर राष्ट्रपति जी से माफ़ी मागनि चाहिए। और राष्ट्रपति जी को राजनीति से दूर ही रखना चाहिए।
जय हिंद
Nice article
ReplyDeleteGood work
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